IFS क्या है? | Integrated Farming System in Hindi | इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम मॉडल

Hello दोस्तों AGRIFIELDEA स्वागत करता है आप सभी का । तो आइये बिना कोई फालतू बातों के सीधा हमारे आज के मुख्य टॉपिक पर आते हैं जो है- Integrated Farming System in Hindi      

Integrated Farming System

आप तो जानते ही होंगे कि आजकल हमारे किसानों के पास बहुत सी समस्यायें है जिसमें आज के इस समेकित कृषि प्रणाली (Integrated Farming System in Hindi) की बात की जाए तो मुख्य समस्या है किसानों के पास कृषि करने योग्य जमीन की कमी , और इसके अलावा बहुत सी परेशानियाँ है जैसे मृदा के उपजाऊपन में गिरावट , संसाधनों की कमी, बढ़ती आबादी और धीरे-धीरे सिमटती जंगले । तभी तो ज्यादातर किसानों के पास कृषि योग्य भूमि की कमी होती है ।

अगर किसान भाइयों आप ऐसी ही कृषि से जुड़ी समस्याओं व कृषि में आने वाले अधिक लागत से तंग आ गए हैं तो आपको निराश होने या कृषि छोड़ने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है । आवश्यकता है तो एक ऐसी प्रणाली (System) की जिससे आप कम कृषि भूमि , कम लागत में व अधिक संसाधनों का उपयोग करके अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं ।

What is Integrated Farming System in Hindi ? (समेकित कृषि प्रणाली क्या है?)

Definition of Integrated Farming System in Hindi –

इस प्रणाली के तहत कृषि के कम से कम 2 घटक गया उससे अधिक घटकों का समायोजन हम इस प्रकार करते हैं कि एक के समायोजन से दूसरे के लागत में कमी आए और उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों को इससे साल भर आमदनी मिलती रहे इसलिए इस प्रणाली को समेकित कृषि प्रणाली (IFS) कहते  हैं । 

 

Integrated Farming System

 

अब आप तो ऊपर समेकित कृषि प्रणाली (Integrated Farming System in Hindi) का मॉडल देखकर समझ ही गए होंगे कि इस प्रणाली में फसल उत्पादन, फल उत्पादन, सब्जी उत्पादन, पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, बत्तख पालन आदि का समावेश एक साथ किया जा सकता है ।

जिससे अगर किसी एक घटक अथवा सेक्टर से हमें नुकसान होता है तो दूसरी से इसकी पूर्ति हो जाती है ।  यानिकि अगर हमें किसी कारण वश या मानलो कोई भी प्राकृतिक कारणों से सब्जी उत्पादन में नुकसान हो जाता है तो हमे ज्यादा हानि या निराशा नही होगी क्योंकि हमारे पास अभी और भी साधन है जिससे लाभ कमा सकते हैं जैसे पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन , फल उत्पादन आदि ।

और ये एक-दूसरे के ऊर्जा के चैनल होते हैं मतलब उदाहरण के लिए जो फसल के अवशेष बचते हैं वो पशुओं व मुर्गियों के चारे के रूप में उपयोग कर लिया जाता है और पशुओं , मुर्गियों के अवशेष से अच्छी कम्पोस्ट तैयार कर सकते हैं और मुर्गी के अवशेष और बीट मछलियों के चारे के रूप में उपयोग कर लिया जाता है ।

दोस्तों आज के समय मे देखा जाए तो कम लागत में अधिक आमदनी लेने के लिए यह समेकित कृषि प्रणाली (Integrated Farming System) बड़ा ही अच्छा मॉडल है जिससे किसान की आय को दोगुना किया जा सकता है अतः किसान भाइयों से अनुरोध है कि आप मुख्य फसल के साथ – साथ जो संभव हो सके जैसे पशु पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और उद्यान वाली जैसे फल, सब्जी उत्पादन या मशरूम उत्पादन आदि भी करें जिससे अगर कभी कोई एक घटक कमजोर भी हो जाय तो दूसरे से लाभ हो सके ।

 

 

अनुमानित IFS मॉडल एक एकड़ के लिए –

60% – फसल , उद्यान या फल, सब्जी उत्पादन

20% – तालाब मछली पालन

20 % – पशुपालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन

5% – मशरूम उत्पादन और कम्पोस्ट खाद

5% – फार्म हाउस

 

समेकित कृषि प्रणाली से फायदा (Benefits of Integrated Farming System in Hindi)

 

दोस्तों या किसान भाइयों या कृषि के छात्र अब तो आप समझ ही गये होंगे कि समेकित कृषि प्रणाली (Integrated Farming System in Hindi) से क्या – क्या फायदे हो सकते हैं फिर भी हम समेकित कृषि प्रणाली के फायदे को क्रमवार से जानने का प्रयास करेंगे –

 

● समेकित कृषि प्रणाली से सबसे बड़ा फायदा या लाभ यह है कि इसके सभी घटक एक – दुसरे पर निर्भर होते हैं । मतलब एक घटक का व्यर्थ पदार्थ दूसरे के लिए कितनी आवश्यक होती है ।

 

● इसमें प्रारंभिक लागत अधिक हो सकती है लेकिन यह प्रणाली लग जाने के बाद लागत में कमी आती है ।

 

● अगर इस प्रणाली के अंतर्गत मुर्गी पालन, बत्तख पालन, व मछली पालन भी किया जा रहा हो तो मछलियों के चारे के लिए अधिक व्यय नही करनी पड़ती है । क्योंकि मुर्गियों व बत्तखों का बीट  मछलियों के भोजन के रूप में प्रयोग कर लिया जाता है इससे कम से कम 20 से 25 % तक भोजन की पूर्ति हो जाती है । अतः इन तीनों घटकों के समायोजन से किसानों को अतिरिक्त लाभ की प्राप्ति होती है।  इससे मछली पालन में 20 – 25 %  तक लागत में कमी आती है ।

 

● किसानों को समेकित कृषि प्रणाली से ही उसकी जरूरतों की सारी उत्पाद मिल जाती है । अर्थात किसान का परिवार साल भर इस पर निर्भर रह सकते हैं और साल भर आमदनी मिलती रहती है ।

 

● आमदनी में वृद्धि होती है , अगर किसी एक घटक से नुकसान हो भी जाती है तो दूसरे से लाभ के रूप में भरपाई हो जाती है।

 

● इससे एक और सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको सभी क्षेत्रों का तजुर्बा या कहें तो ज्ञान अथवा जानकारी प्राप्त होती है (जैसे पशुपालन, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन व उद्यान आदि क्षेत्रों के बारे में )

 

● इस प्रणाली में कम जगह पर अपनी इच्छानुसार घटक का चुनाव करके समान्य खेती से कही गुना आमदनी कमा सकते हैं । जिसमे आप ऐसा भी कर सकते हैं कि एक तालाब में मछली पालन करके तालाब में बत्तख पालन व तालाब के एक किनारे में व तालाब के ऊपर उचित व्यवस्था करके मुर्गी घर बना कर मुर्गीपालन कर सकते हैं ।

 

● पशुओं के लिए चारा यही से मिल जाता है तथा कम्पोस्ट के लिए गोबर पशुओं से मिल जाता है । अर्थात कम्पोस्ट के लिए गोबर कही बाहर से खरीदने की आवश्यकता नहीं होती है और चारे के लिए भी कही और जाने की आवश्यकता नहीं होती है।

 

Integrated Farming System (IFS) में ध्यान देने वाली बातें :-

किसानों को ध्यान में यह रखना चाहिए कि समेकित कृषि प्रणाली में उत्पादों का चयन अपने अनुरूप करें कि उनके क्षेत्र में कौन से उत्पादों की बाजार में क्या स्थिति है? वहां का मौसम कैसा है ? आमदनी किस उत्पाद में अच्छी होगी ? अपने क्षेत्र के सामाजिक परिस्थितियां क्या है ? उस पर ध्यान देना चाहिए । अतः इन सब बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी समेकित कृषि प्रणाली में उत्पादों व घटकों का चयन करें । अतः आप अपनी सूझबूझ से अपनी समेकित कृषि प्रणाली में इन सब बातों का जो बताया गया है उनका चयन करें।

 

निष्कर्ष

मित्रों हमें उम्मीद है कि हमने जो भी कहना चाहा जो बताएँ समेकित कृषि प्रणाली (Integrated Farming System in Hindi) के बारे में वह आप लोगों को अच्छे से समझ में आ गया हो ।

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