Vermicompost: वर्मीकंपोस्ट बनाने की विधि | Vermicompost Banane ki Vidhi (Part-1)

Vermicompost Banane ki Vidhi: आप सभी तो यह जानते ही होंगे कि केंचुएं (Earthworm) को कृषि में कृषक का मित्र कहा जाता है । जी हाँ आज हम बात करेंगे इन्ही हमारे किसानों के मित्र जीव के बारे में यानिकी केंचुआं खाद के बारे में की यह क्या है? , इसके पोषक मान क्या है? , वर्मीकम्पोस्टिंग कैसे करते हैं? (How to prepare Vermicompost in Hindi) और इसके लाभ क्या – क्या है? 

Vermicompost: वर्मीकंपोस्ट बनाने की विधि | Vermicompost Banane ki Vidhi (Part-1)

यह पोस्ट हम दो भागों में बनाएंगे दोस्तों क्योकि पोस्ट यह बहुत लंबा होने वाला है  । तो दोनों पोस्ट पूरा – पूरा जरूर पढ़ें  l और कृपया करके इस पोस्ट को अपने किसान दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । और हम आपको बताना चाहेंगे कि यह हमारे AGRIFIELDEA पर जो भी पोस्ट होती है वह स्टूडेंट्स के लिए भी बहुत अच्छी साबित हो सकती है । उन्हें भी आप शेयर कर सकते हैं।  और कुछ बताना हो या कुछ छूट गया हो तो कृपया करके अपना कमेंट जरुर नीचे लिखिए ।

 

वर्मीकम्पोस्ट बनाने कि विधि (Vermicompost Banane ki Vidhi)

वर्मीकम्पोस्ट (What is Vermicompost in Hindi)

Introduction :- ये केंचुएं मिट्टी में रहते है तथा जैविक पदार्थों को खाते हैं । पाचन के बाद पचा हुआ पदार्थ इसके पाचन तंत्र से आगे बढ़ता है जिसके कारण तैलीय पदार्थ की एक महीन परत पचे हुए पदार्थ के ऊपर जम जाती है । यह पदार्थ 2 माह की अवधि के बाद अलग हो जाती है फिर भी पौधे को पोषक तत्वों की उपलब्धता होती रहती है ।

Vermicompost Banane ki Vidhi

 

 

केंचुआ खाद को वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost in Hindi), Vermicast, Vermi manure और Queen of Compost भी कहा जाता है।  केंचुआ व्यर्थ जैविक पदार्थ को अपघटित करके कार्बनिक पदार्थ उत्पन्न करते है जिसे केंचुआ खाद (Vermicompost) खतर हैं ।

 

केचुआ अपने खाए गए भोजन का सिर्फ 2% ही पचा पाते हैं और बाकी बचा हुआ व्यर्थ मल के रूप में त्याग देते हैं इस waste या मल को ही वर्मीकम्पोस्ट कहा जाता है । और इस केंचुआ खाद (Vermicompost) उत्पादन करने की प्रक्रिया को वर्मीकंपोस्टिंग (Vermicomposting) कहते हैं । जैविक खेती में केंचुआ खाद का बहुत महत्व है।

 

वेर्मिकम्पोस्टिंग (Vermicomposting in Hindi)

जैविक पदार्थ को केंचुए के मल(कास्टिंग) में बदलने की प्रक्रिया अर्थात केंचुआ खाद उत्पादन की प्रक्रिया को वर्मी कंपोस्टिंग कहते हैं । यह केंचुए का मल मृदा की उर्वरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है ।  केंचुए की खाद में बड़ी मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश (N. P. K.) तथा अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं । विभिन्न वैज्ञानिकों का यह मत है कि केंचुए की कास्टिंग (मल) में बहुत अच्छा वातान (airation) रन्ध्रावकास (Foramen) अच्छी जल धारण क्षमता व मृदा की संरचना में सुधार होता है । और क्या आप जानते हैं कि केंचुए की खाद अपने भार से लगभग 9 गुना पानी सोख सकती है ।

 

केंचुआ खाद बनाने की प्रक्रिया (Vermicompost Banane ki Vidhi)

 

वर्मी कंपोस्टिंग के लिए आवश्यक सामग्री :-

वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए गाय का गोबर, खेत का व्यर्थ पदार्थ,  व्यर्थ सब्जी – रसोई का व्यर्थ पदार्थ, उद्योग का व्यर्थ पदार्थ जो जैविक हो, फसलों के अवशेष, गिरी हुई पत्तियां, खेतों से निकाले गए खरपतवार, ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों से प्राप्त जैविक पदार्थ जो अपघटनीय हो इत्यादि ।

 

वेर्मिकम्पोस्टिंग के लिए जगह का चुनाव :- 

केंचुए की खाद बनाने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए जहां छाया हो तथा नमी और ठंडा हो ।  अगर वर्मीकंपोस्टिंग खुले स्थान पर करनी हो तो यह ध्यान रखना चाहिए कि सूर्य की सीधी रोशनी ना पड़े और वर्षा से बचाव भी हो सके इसके लिए खुले स्थान पर छप्पर का भी निर्माण करना चाहिए।

Vermicompost: वर्मीकंपोस्ट बनाने की विधि | Vermicompost Banane ki Vidhi (Part-1)

 

 

टांका बनाना (वर्मीबेड या टँकी) :- 

इसके लिए सामान्यत: अक्सर सीमेंट के टांके जिसकी लंबाई 10 फुट, चौड़ाई 4 फुट, तथा ऊंचाई 2 फुट बनाते हैं । इसकी लंबाई को जगह एवं कच्चे माल की उपलब्धता के अनुसार कम या ज्यादा भी किया जा सकता है । लेकिन सामान्य रूप से इसे 10 फुट लंबे बनाते हैं । इन टांकों (बेड) की सतह (फर्श) को थोड़ी डाल देकर बनाना चाहिए जिससे अतिरिक्त पानी वर्मी कंपोस्ट इकाई से रिस सके ।  इन टांकों (बेड) के बाजू में एक पक्का गड्ढा बना देना चाहिए जिससे रिसा हुआ पानी एकत्रित किया जा सके ।  क्या आप जानते हैं इस रिसे हुए पानी को ही वर्मीवाश (Vermiwash) कहते हैं । इसका उपयोग पौधों को स्प्रे द्वारा पोषक तत्व प्रदान करने , पोषक तत्व देने के लिए होता है । टांके के चारों ओर पतली नाली बनाकर पानी भर देनी चाहिए जिस पर पानी भरे रहने से चीटियां टांके में प्रवेश नहीं कर पाती ।  सूर्य की सीधी रोशनी व वर्षा से बचाव के लिए भी टांकों (बेड)  के ऊपर छाया की व्यवस्था करनी चाहिए अथवा इसके लिए छप्पर बना देनी चाहिए ।

Vermicompost: वर्मीकंपोस्ट बनाने की विधि | Vermicompost Banane ki Vidhi (Part-1)

 

 

वेर्मिकम्पोस्टिंग के लिए केंचुएं की उपयुक्त प्रजाति का चयन (Selection of Earthworm) :-

वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए हम केंचुए की किसी भी प्रजाति को पकड़कर उसका उपयोग वर्मी कंपोस्टिंग में नहीं कर सकते । क्योंकि इससे उत्पादन दर और समय पर काफी प्रभाव पड़ सकता है ।  वर्मी कंपोस्ट उत्पादन करने के लिए सतह पर रहने वाले केंचुओं का ही उपयोग करना चाहिए क्योंकि जो केंचुएं भूमि पर गहराई पर रहते हैं वह खाद उत्पादन करने में ज्यादा उपयुक्त नहीं होते ।  इसके लिए लाल केंचुआं (Eisenia foetida) और अफ्रीकी केंचुआ (Eudrillus engenial) उपयुक्त माने जाते हैं ।

इनके केंचुओं को आपस में मिलाकर भी वर्मी कंपोस्टिंग किया जा सकता है ।

VERMICOMPOSTING l केंचुआ, Species of Verms | Vermicompost: वर्मीकंपोस्ट बनाने की विधि | Vermicompost Banane ki Vidhi (Part-1)

 

 

 

● अफ्रीकी केंचुआ (Eudrillus engenial) :- यह केंचुआ लाल केंचुएं (Eisenia foetida) से आकार में बड़े और गहरे रंग के होते हैं । वर्मी कंपोस्ट के लिए इसे बेहतर माना जाता है क्योंकि यह कम समय में ज्यादा वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन करता है । इसके अतिरिक्त यह वर्मी कंपोस्टिंग के दौरान ज्यादा बच्चों को भी जन्म देता है ।

 

● लाल केंचुआं (Eisenia foetida) :- लाल केंचुएं की मृत्यु दर अफ्रीकी केंचुए की तुलना में कम होता है ।

 

वेर्मिकम्पोस्ट का पोषक मान
Nutrient Value of Vermicompost – 

वर्मी कंपोस्ट में पोषक तत्वों की मात्रा वर्मी कंपोस्टिंग में उपयोग किए जाने वाले व्यर्थ पदार्थों पर निर्भर करता है । यदि उपयोग किए गए व्यर्थ पदार्थ मिश्रित है तो वर्मी कंपोस्टिंग में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा में ज्यादा भिन्नता होगी । यदि वर्मी कंपोस्टिंग में उपयुक्त कंपोस्टिंग मटेरियल सामान होगी तब उसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी लगभग निश्चित होती है । वर्मी कंपोस्ट में सामान्य रूप से पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा निम्नानुसार है-

नाइट्रोजन (N)          –          0.5 – 1.5 %           

फॉस्फोरस (P)          –         0.1 – 0.8 %            

पोटाश (K)               –         0.15 – 0.73 %       

जैविक कार्बन           –         9.5 – 13.5 %          

कैल्शियम                –         1.18 – 7.61 %        

मैग्नीशियम।             –         0.093 – 0.568 %   

जिंक।                     –         0.0042 – 0.110 %  

कॉपर                      –         0.0026 – 0.0048 % 

आयरन।                  –         0.2050 – 0.1331 % 

 

Vermicompost Part 2 

देखें Part – 2 

 
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