कर्तन या कलम लगाना (Cutting in Hindi)
कलम या कर्तन (Cutting in Hindi) पौध प्रवर्धन की बहुत ही प्रचलित व सरल विधि है जिसे कोई भी आसानी से कर सकता है। इस विधि से नए पौधे तैयार करने के लिए पौधे के किसी वनस्पतिक भाग को अलग करके लगा दिया जाता है जिससे उस अलग किए गए भाग से अनुकूल वातावरण में एक नए पौधे में बदलने की क्षमता आ जाती है ।
कर्तन या कलम लगाना (Cutting in Hindi)
कर्तन या कलम पौध प्रसारण अथवा पौधा तैयार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें पौधे की किसी वानस्पतिक भाग (जैसे – जड़, तना, पत्ती ) को उसके पैतृक वृक्ष (Parent plant) से अलग करके तैयार भूमि अथवा अनुकूल वातावरण में लगा दिया जाता है जिससे यह नए पौधे में विकसित हो जाता है ।
“किसी पौधे की वानस्पतिक भाग का वह टुकड़ा जो अपनी मातृ वृक्ष से अलग होने के बाद भी एक नए पौधे में विकसित होने में सक्षम हो कर्तन या कलम (Cutting) कहलाता है ।” – Agrifieldea
कर्तन के प्रकार ( Types of Cutting in Hindi)
कर्तन (Cutting) जड़, तना व पत्ती के अनुसार तीन प्रकार की होती है –
(1) तना कलम (Stem Cutting)
(2) पत्ती कलम (Leaf Cutting)
(3) जड़ कलम (Root Cutting)
(1) तना कलम (Stem Cutting)
जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि इस कलम में पौधे के तने अथवा शाखाओं को कलम के रूप में पैतृक वृक्ष (parent plant) से अलग करके लगाई जाती है जिसे तना कलम (Stem Cutting) कहते हैं ।
इसे पौधे के अनुसार या लकड़ी की परिपक्वता के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है –
(i) कड़ी लकड़ी कलम (Hard wood Cutting) – इस प्रकार की कर्तन (Cuttings) अधिके कड़ी लकड़ी या अधिक परिपक्व लकड़ी से तैयार किया जाता है जो एक वर्ष से अधिक पुरानी हो तथा रंग भूरा हो । जैसे – पतझड़ फल वृक्षों में
(ii) मध्यम कड़ी लकड़ी कलम (Semi Hard wood Cutting) – इस प्रकार की कलम अर्ध परिपक्व लकड़ी से तैयार किया जाता है जो लगभग एक मौसम पुरानी हो । इस प्रकार की कर्तन – नींबू वर्गीय पौधे, अनार, नाशपाती, अंजीर आदि में किया जाता है ।
(iii) मुलायम व कोमल लकड़ी कर्तन (Soft wood Cutting) – इस तरह की कर्तने (Cuttings) पौधे के मुलायम, कोमल व गूदेदार टहनियों से तैयार किया जाता है, जिसका रंग गहरा हरा होता है । इस प्रकार की कर्तने अमरूद क्रिसेंथिमम आदि में किया जाता है ।
(2) पत्ती कलम (Leaf Cutting)
जब पौधों के पत्तियों को उसके पैतृक पौधे से अलग करके उसमें जड़ें प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल वातावरण में लगा दिया जाता है, तो इसे ‘Leaf Cutting’ कहते हैं । यह उन पौधों में संभव है जिनकी पत्तियां मोटी व गूदेदार होती है ।
उदाहरण – पत्थरचट्टा, बिगोनिया, लेमन आदि ।
(3) जड़ कलम (Root Cutting)
जब कलम के लिए पौधे के जड़ों का प्रयोग किया जाता है तो इसे जड़ कलम (Root Cutting) कहते हैं । यह उन पौधों में किया जा सकता है जो Suckers पैदा करते हैं ।
उदाहरण – नाशपाती, आलूबुखारा, अमरूद सेब, लीची आदि में जड़ कलम द्वारा नए पौधे तैयार किया जा सकता है ।
कलम लगाने का सही समय (Best Time For Cutting in Plant)
सामान्यता अधिकतर फल व फूल वाले वृक्षों/पौधों का कलम लगाने का उत्तम समय वर्षा ऋतु को समझा जाता है ।
कलम अधिकतर ऐसे मौसम में लगाना चाहिए जब पौधों में वृद्धि करने का समय प्रारंभ होता हो ।
कलम लगाने की विधि (Methods Cutting in Plant)
कलम करने का तरीका तना कलम, जड़ कलम व पत्ती कलम के प्रकार के आधार पर तीनो विधियों को अलग-अलग करके सीखेंगे –
तना कलम लगाने की विधि (Methods of Planting of Stem Cutting)
● जिस पौधे से कलम तैयार करना हो सबसे पहले उनका स्वस्थ शाखा चुन लो।
● अब कड़ी या मध्यम कड़ी लकड़ी की कलम को 15 से 22.5 सेंटीमीटर लंबाई में काट लीजिए (मुलायम अथवा कोमल लकड़ी की कलम की लंबाई 10 सेंटीमीटर से 15 सेंटीमीटर रखी जा सकती है )
● अब कलम/कर्तन लकड़ी के दोनों सिरे को तिरछा अथवा डलवा काट लीजिए ।
● अब इसे तैयार किए गए गमले अथवा जमीन में इस प्रकार लगाइए की कलम दक्षिण की ओर 45° के कोण पर झुकी हुई हो ।
● ध्यान रखना कि कर्तन का लगभग 2/3 भाग मिट्टी के अंदर रहे ।
● अब आप की कर्तन लग गई । अब इसे सीधे कड़ी धूप से व अन्य क्षति से बचाने के लिए प्रबंध कर लें ।
जड़ कलम लगाने की विधि (Methods of Planting of Root Cutting)
● सबसे पहले ऐसे पौधे का चुनाव कर लीजिए जो जड़ कलम (Root Cutting) लगाने के लिए अनुकूल हो ।
● कर्तन (Cutting) तैयार करने के लिए जड़ की मोटाई लगभग आधा सेंटीमीटर व लंबाई 5 से 15 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए ।
● अब इसे तैयार की गई भूमि में लंबवत या समानांतर लगा दीजिए ।
● कुछ दिनों के बाद इसमें जड़े विकसित होने लगेंगे तथा ऊपरी भाग में पत्तियां निकलने लगेंगी ।
पत्ती से कलम लगाने की विधि (Methods of Planting of Leaf Cutting)
यह विधि उन पौधों की पत्तियों में अपनाई जाती है जिनकी पत्ती मोटी व गूदेदार होती है ।
● सबसे पहले पत्तियां डंठल सहित तोड़कर उसके पैतृक पौधे से अलग कर लीजिए ।
● अब इन पत्तियों को तैयार भूमि में लंबवत आधी गाड़ दीजिए । ध्यान रहे पत्ती को डंठल अथवा जिस तरफ से पत्ती शाखा से जुड़ा होता है वह भाग जमीन के अंदर हो दबा होना चाहिए ।
● कुछ पौधों की पत्तियों को जमीन में समानांतर लिटा कर लगाया जाता है और इसके किनारे किनारे को छोड़कर बीच बीच में मिट्टी डाल दिया जाता है ।
● इस प्रकार कुछ दिनों के बाद पत्तियों के डंठल से या किनारे किनारे से जड़े निकलना प्रारंभ हो जाता है ।
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