Urban farming in hindi Free PDF | शहरी कृषि क्या है? अर्थ, परिभाषा, शहरी खेती के प्रकार, शहरी कृषि के लाभ व चुनौतियाँ |Meaning, Definition, Types, Benefits and Challenges of Urban farming in hindi

जैसे-जैसे दुनिया की आबादी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे भोजन की मांग भी बढ़ती जा रही है, और साथ ही साथ लोगों को स्वस्थ और ताजा भोजन चाहिए होती है। ऐसे में पारंपरिक खेती के अलावा बीते कुछ दशकों से शहरी कृषि (Urban farming in hindi) का प्रचलन बढ़ने लगा है।

Urban farming in hindi
शहरी कृषि क्या है? अर्थ, परिभाषा, शहरी खेती के प्रकार, शहरी कृषि के लाभ व चुनौतियाँ | Urban farming: Meaning, Definition, Types, Benefits and Challenges of Urban farming in hindi

 

आज के इस लेख में हम इसी शहरी कृषि के बारे में चर्चा करेंगे कि शहरी कृषि क्या है? (What is Urban farming in hindi?), शहरी खेती का अर्थ एवं परिभाषा? (Meaning and definition of urban farming in hindi), शहरी खेती के प्रकार? (Types of urban agriculture in hindi), शहरी कृषि के लाभ और शहरी कृषि के चुनौतियां या शहरी कृषि की सीमाएं। (Benefits and Challenges of Urban Agriculture in hindi)

 

शहरी कृषि क्या है? (Urban farming in hindi)

शहरों या नगरों में लोग अपने घर के आस-पास की खाली जगह या अपने घर की छत पर या अपनी बालकनी में अपनी जरूरत या शौक के अनुसार विभिन्न फसलों, सब्जियों, फलों या फूलों को उगाते हैं इससे शहरी लोगों को ताजा और स्वस्थ भोजन उपलब्ध हो जाता है, और वह चाहे तो शहरी खेती से अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं।

 

शहरी कृषि का अर्थ (Meaning of Urban farming in hindi)

शहरी कृषि, शहरी क्षेत्रों जैसे शहरों या उप नगरों में भोजन उगाने या उत्पादन करने की प्रथा को दर्शाता है। इसमें बागवानी, खेती और पशुपालन सहित अन्य खाद्य उत्पादन के लिए कई तरह की तकनीक शामिल है।

शहरी कृषि, शहरी क्षेत्रों में कृषि करने की प्रक्रिया है जिसमें कम्युनिटी गार्डन, रूफटॉप गार्डन, वर्टिकल गार्डन, हाइड्रोपोनिक्स, कंटेनर गार्डनिंग जैसे नवीन तरीकों का उपयोग किया जाता है। शहरी कृषि का उद्देश्य लोगों को ताजा और स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराना, खाद्य प्रणाली के कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, शहरी क्षेत्र को हरा भरा या वातावरण स्वस्थ रखना है।

 

शहरी कृषि की परिभाषा

‘वाणिज्य और गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए शहर की सीमा के भीतर खेती, प्रसंस्करण और वितरण शहरी कृषि को संदर्भित करता है।’

‘एक शहरी वातावरण में विशेष रूप से मानव उपभोग के लिए खाद्य फसलों, सब्जी, फल, फूल की खेती शहरी कृषि कहलाता है।’

 

शहरी खेती के प्रकार (Types of Urban farming)

शहरी कृषि के कुछ प्रकार निम्नलिखित है –

1. कम्युनिटी गार्डन:

सामुदायिक उद्यान (Community Garden) भूमि के साझा भूखंड होते हैं जहां व्यक्ति का समूह एक साथ फसल उगा सकते हैं। ये संगठन आम तौर पर एक सामुदायिक संगठन या स्थानीय सरकार द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, और सदस्य पानी और उपकरणों जैसे संसाधनों की लागत साझा करते हैं। सामुदायिक उद्यान संगठन के सदस्यों को ताजा, स्वस्थ भोजन, आय का लाभ देने के साथ साथ सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देते हैं।

 

2. रूफटॉप गार्डन:

रूफटॉप गार्डन अर्थात छत पर बागवानी शहरी इलाकों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, खासकर उन शहरों में जहां पारंपरिक बागवानी के लिए सीमित जमीन उपलब्ध है। इसमें छोटे या बड़े कंटेनर, गमला या ग्रो बैग्स का इस्तेमाल किया जाता है। रूफटॉप गार्डन शहरी गर्मी के प्रभाव को कम करने, वायु गुणवत्ता में सुधार करने, ताजा व स्वस्थ भोजन उपलब्ध करने में लाभदायक है।

 

3. वर्टिकल फार्मिंग:

वर्टिकल फार्मिंग कृत्रिम व्यवस्था और नियंत्रित वातावरण का उपयोग करके खड़ी (ऊर्ध्वाधर) परतों में फसल उगाने की एक विधि है। यह दृष्टिकोण छोटे शहरी स्थानों के लिए बहुत ही बढ़िया है क्योंकि यह उपलब्ध स्थान के उपयोग को अधिकतम कर सकता है। ऊर्ध्वाधर खेती भी पानी व रसायनों के उपयोग को कम कर सकती है। नियंत्रित वातावरण में इससे साल भर उत्पादन किया जा सकता है।

 

4. एक्वापोनिक्स:

एक्वापोनिक्स खेती का एक तरीका है जो एक्वाकल्चर (मछली पालना) को हाइड्रोपोनिक्स (बिना मिट्टी के पौधे उगाना) के साथ जोड़ता है। एक्वापोनिक प्रणाली में, मछली का कचरा पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है, जबकि पौधे मछली के लिए पानी को फिल्टर करते हैं। इस प्रकार की खेती अत्यधिक कुशल है, क्योंकि यह एक ही प्रणाली में भोजन और मछली दोनों का उत्पादन कर सकती है।

एक्वापोनिक्स में मछली को पानी की टंकियों में पाला जाता है। इन टैंकों में पौधे भी उगाए जाते हैं और मछलियों का अपशिष्ट पौधों को खाद देता है। इससे पौधे पानी को साफ रखते हैं।

 

5. बैकयार्ड गार्डन:

यह भी शहरी खेती की एक प्रकार है जिसमें अपने घर के पीछे की जमीन पर फसलें, फल, फूल या सब्जियां उगाई जाती है।

 

6. विंडो फार्मिंग:

विंडो फार्मिंग में पौधों को कन्टेनर या गमलों या अन्य माध्यम से खिड़की पर लगाया जाता है। इसमें वर्टिकल या हाइड्रोपोनिक प्रणाली को भी शामिल किया जा सकता है। यह दृष्टिकोण उन लोगों के लिए बेहतर हो सकता है जो अपार्टमेंट या अन्य छोटे स्थानों में रहते हैं। खिड़की की खेती भी इन्सुलेशन प्रदान करके इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार करने और ऊर्जा खपत को कम करने में मदद कर सकती है।

 

7. कंटेनर गार्डन:

कंटेनर बागवानी में बर्तनों, बाल्टी और अन्य कंटेनरों में पौधे उगाना शामिल है। यह दृष्टिकोण उन लोगों के लिए आदर्श है जिनके पास बाहरी स्थान सीमित है या जो घर के अंदर पौधे उगाना चाहते हैं। कंटेनर बागवानी बालकनियों, आंगनों, या यहां तक ​​कि एक खिड़की की तरह छोटे इनडोर स्थानों में भी की जा सकती है।

 

 

शहरी कृषि के लाभ (Benefits of Urban farming)

शहरी कृषि के बहुत से लाभ हैं जैसे –

1. ताजा और स्वस्थ भोजन

शहरी कृषि के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि यह ताजा और स्वस्थ भोजन प्रदान करता है। शहरी खेतों को सुपरमार्केट और किराने की दुकानों तक सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों में स्थापित किया जा सकता है, जिससे लोगों के लिए ताजा उपज प्राप्त करना आसान हो जाता है। यह शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां किराना स्टोर की तुलना में फास्ट फूड रेस्तरां और सुविधा स्टोर अधिक प्रचलित हैं।

 

2. कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है

शहरी कृषि का एक अन्य लाभ यह है कि यह खाद्य प्रणाली के कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है। हम जो खाना खाते हैं वह आमतौर पर हमारी प्लेटों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करता है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान देता है। शहरों में भोजन उगाकर, हम परिवहन की आवश्यकता और संबंधित उत्सर्जन को कम करते हैं। इसके अलावा कंपोस्टिंग और वर्षा जल संचयन जैसी टिकाऊ प्रथाओं का उपयोग शहरी कृषि पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है।

 

3. ग्रीन स्पेस और शहरी परिदृश्य में सुधार

शहरी कृषि हरित स्पेस भी प्रदान करती है और शहरों के सौंदर्यशास्त्र में सुधार करती है। रूफटॉप गार्डन और हरी दीवारें शहरों में गर्मी के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।

 

4. रोजगार और आर्थिक अवसर

शहरी कृषि रोजगार और आर्थिक अवसर भी पैदा कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां खेती लायक भरपूर जगह है। शहरी खेती, खेत और बागवानी से लेकर विपणन और वितरण तक कई प्रकार के कौशल वाले लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, शहरी कृषि स्थानीय व्यवसायों का समर्थन कर सकती है और छोटे पैमाने के किसानों के लिए आय का स्रोत प्रदान कर सकती है।

 

5. सामाजिक लाभ

कम्युनिटी गार्डन के अंतर्गत लोग समूह बनाकर एक साथ फसल उगाते हैं, इससे शहरी खेती सामाजिक भागीदारी और सामाजिक संपर्क को प्रोत्साहित करता है। शहरी खेती समुदाय की भावना और सामाजिक संपर्क के लिए एक स्थान प्रदान कर सकते हैं, जो समुदायों को मजबूत करने में मदद कर सकती है।

 

6. स्वास्थ्य लाभ

शहरी खेती से ताजा और स्वस्थ भोजन का उत्पादन होता है। और यही सबसे बड़ा सेहत से सम्बंधित लाभ है क्योंकि आज के समय में लोगो को ताजी और स्वस्थ भोजन चाहिए होती है जो कि परम्परागत खेती से मिलना मुश्किल है।

 

7. शैक्षिक अवसर

शहरी कृषि, शहर से ताल्लुक रखने वाले जो कि खेती करते हैं उन्हें खेती से जुड़े ज्ञान और तजुर्बा प्रदान करता है। यह लोगों को, खेती, बागवानी, पोषण के बारे में जानने के लिए शैक्षिक अवसर प्रदान करता है।

 

शहरी कृषि की सीमायें/चुनौतियां (Limitations of Urban farming)

इसके कई लाभों के बावजूद, शहरी कृषि को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। कुछ चुनौतियां निम्नलिखित है-

1. जगह का अभाव:- जो शहरी क्षेत्रों में दुर्लभ और महंगी हो सकती है। जिससे उन फसलों को उगाना मुश्किल हो सकता है जिन्हें बहुत अधिक कमरे या धूप की आवश्यकता होती है।

 

2. ज़ोनिंग कानून और नियम:- जो शहरी किसानों के लिए कानूनी रूप से काम करना मुश्किल बना सकते हैं।

 

3. पानी की कमी:- शहरी क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सीमित होती है। और यह शहरी कृषि पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा शहरों में पानी की उपलब्धता और सिंचाई प्रणाली महंगा पड़ सकता है।

 

4. ज्ञान और अनुभव की कमी:- शहरी किसानों में व्यावसायिक/पारम्परिक किसानों की अपेक्षा शुरुआत में ज्ञान और तकनीकी कौशल की कमी होती है जिससे फसल की पैदावार कम हो सकती है और लाभप्रदता कम हो सकती है।

 

5. कीट और रोग प्रबंधन:- जो कि उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण शहरी क्षेत्रों में अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

 

6. बुनियादी ढांचे और उपकरणों की कमी:- शुरुआत में शहरी कृषि के लिए बुनियादी ढांचे और उपकरणों को स्थापित करना और बनाए रखना महंगा हो सकता है।

 

PDF Download link

PDF Download करने के लिए यहां क्लिक करें 👇

PDF - शहरी कृषि क्या है? अर्थ, परिभाषा, शहरी खेती के प्रकार, शहरी कृषि के लाभ व चुनौतियाँ | Urban Agriculture: Meaning, Definition, Types, Benefits and Challenges of Urban Agriculture

 

निष्कर्ष

तो आज कर इस आर्टिकल में हमने जाना कि शहरी कृषि क्या होता है? (What is Urban Agriculture in hindi?), शहरी खेती का अर्थ एवं परिभाषा क्या है? (Meaning and definition of urban agriculture in hindi), शहरी खेती के कौन-कौन से प्रकार हैं? (Types of urban agriculture in hindi), शहरी कृषि के लाभ और शहरी कृषि के चुनौतियां या शहरी कृषि की सीमाएं क्या-क्या है? (Benefits and Challenges of Urban Agriculture in hindi)

ऐसे ही कृषि से सम्बंधित नई-नई और रोचक लेख पढ़ने के लिए AGRIFIELDEA के साथ बने रहे। धन्यवाद!

Leave a Comment