Safe uses of Herbicide and Pesticides Chemicals: किसान अपने फसल की रक्षा के लिए उसमें लगने वाले कीट, बीमारी व खरपतवारों के नियंत्रण के लिए तरह – तरह के शाकनाशियों, निंदानाशक व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करता है । जो कि इंसानों के अलावा पशु पक्षियों व इस प्रकृति के लिए भी हानिकारक है ।
इसीलिए इसके हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए इन रसायनो का सही ढंग से रखरखाव व उपयोग करना बहुत जरूरी होता है । क्योंकि ये रसायन बहुत जहरीला व जानलेवा साबित हो सकता है।
इसीलिए आज हम पढ़ रहे है इन रासायनिक दवाइयों के उपयोग के पहले बरतने वाली सावधनियाँ (Safe uses of Herbicide and Pesticides Chemicals in Hindi) इसे उपयोग करते समय या शाकनाशियों व कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करते समय ध्यान देने वाली बातें और इन दवाइयों के छिड़काव के बाद बरतने वाली सावधनियों के बारे में।
Safe uses of Herbicide and Pesticides Chemicals:
शाकनाशी/कीटनाशी के प्रयोग के पहले बरतने वाली सावधानियाँ –
(1) शाकनाशी/कीटनाशी रसायनों के डिब्बे/पैकेट को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए ।
(2) शाकनाशियों/कीटनाशक के पैकेट/डिब्बों को सुरक्षित सूखे व ठंडे स्थानों पर रखना चाहिए । इसे रसोई घर या अन्न भंडार के पास ना रखें ।
(3) कीटनाशी/शाकनाशी दवाई का ढक्कन मुंह से नहीं खोलना चाहिए ।
(4) रसायनों का प्रयोग करने से पहले उसके साथ दिए गए पर्ची वह उस डिब्बे में लिखे गए बातों को ध्यान पूर्वक पढ़ ले ।
(5) तरल शाकनाशियों/कीटनाशकों को सावधानीपूर्वक स्प्रेयर या मिश्रण किए जाने वाले पात्र में डालना चाहिए और ध्यान रखें कि वह शरीर के किसी अंग पर ना गिरे ।
(6) शाकनाशी/कीटनाशक का घोल अथवा मिश्रण तैयार करते समय जो जिस अनुपात में लिखी हो उसे उसी अनुपात में मिलानी चाहिए ।
(7) रसायन के छिड़काव के पहले स्प्रेयर/यंत्र को अच्छी तरह से साफ पानी से साफ कर देना चाहिए जिससे स्प्रेयर के पुराने रसायन साफ हो जाए ।
(8) दवाई को स्प्रेयर या छिड़काव किए जाने वाले यंत्र में डालने से पहले स्प्रेयर के सभी पार्ट्स का अवलोकन करें कि सब ठीक है या नहीं ।
छिड़काव प्रारंभ करने से पहलेस्प्रेयर से छिड़काव आयतन (Spray Volume) को सेट कर ले शाकनाशियों का चुनाव खेत में उगे खरपतवारों के आधार पर तथा कीटनाशक का चुनाव खेत के कीटों का अवलोकन करके करनी चाहिए ।
शाकनाशियों/कीटनाशकों का छिड़काव करते समय बरतने वाली सावधनियाँ –
(1) दवाई का छिड़काव करते समय मुंह में कपड़ा या मास्क जरूर लगा ले और हो सके तो चश्मा और हाथों में दस्ताने का भी प्रयोग कर सकते हैं ।
(2) कीटनाशी/शाकनाशी रसायनों का छिड़काव सुबह या सायंकाल में करना चाहिए क्योंकि यह समय उपयुक्त होता है ।
(3) छिड़काव करते समय पूरी बाँह वाले कपड़े पहने ।
(4) शाकनाशी/कीटनाशक रसायनों का छिड़काव करते समय कुछ नहीं खाना चाहिए और ना ही धूम्रपान करना चाहिए ।
(5) हवा के विपरीत दिशा में कभी भी छिड़काव नहीं करना चाहिए ।
(6) छिड़काव करते समय शरीर में यदि की रसायन गिर जाए तो उसे साबुन – पानी से अच्छी तरह धो लेनी चाहिए ।
(7) छिड़काव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि स्प्रे दूसरे खेत या दूसरी फसल में ना हो ।
(8) छिड़काव करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि शाकनाशी/कीटनाशक रसायनों से सिंचाई व जल निकास की नालियां दूषित ना हो ।
(9) रसायन के घोल की वांछित सांद्रता को बनाए रखने के लिए टंकी में दोबारा गोल भरने के लिए इसे पूर्ण रूप से खाली कर देना चाहिए फिर घोल तैयार करना चाहिए ।
(10) छिड़काव करते समय जैसी ही टंकी खाली हो जाती है तो स्प्रेयर का पंप चलाना बंद कर देना चाहिए एवं उस स्थान को चिन्हित कर देना चाहिए । जिससे पुनः उसी स्थान से छिड़काव शुरू किया जा सके ।
रसायनों का छिड़काव करने के बाद बरतने वाली सावधनियाँ –
(1) रसायनों के छिड़काव के बाद यदि असामान्य लक्षण जैसे चक्कर आना, त्वचा में चकत्ते आना आदि हो तो तुरंत ही चिकित्सक के पास जाएं ।
(2) उपयोग के बाद स्प्रेयर को अच्छी तरह साफ धोकर रखना चाहिए ।
(3) रसायनों का छिड़काव करने के बाद कपड़े, मास्क आदि को अच्छी तरह धो देना चाहिए ।
(4) रसायनों का छिड़काव करने के बाद अच्छी तरह नहा लें ।
(5) शेष शाकनाशियों व कीटनाशकों को उनके मूल डिब्बों में अच्छी तरह पैक करके बच्चों की पहुंच से दूर व सुरक्षित स्थान में रख दें ।
(6) उपयोग करने के बाद इन रसायनों के डिब्बे को नष्ट कर देना चाहिए व जमीन में गाड़ देना चाहिए । घरेलू उपयोग के लिए इन डिब्बों का उपयोग नहीं करनी चाहिए ।
(7) जिस खेत में शाकनाशी/कीटनाशी डाला गया है उसके आसपास या मेड़ो में मवेशियों को ना चरायें । हो सके तो उन खेत की मेड़ में लाल कपड़े का झंडा लगा दे ।
(8) छिड़काव के दिन सिंचाई ना करें, अगर सब्जी वाली फसल में रसायन का छिड़काव किया गया है तो दो-तीन दिन सब्जी ना तोड़े ।