Hello दोस्तो आज हम बात करेंगे धान के फसल की SRI (System of Rice Intensification in Hindi) विधि औऱ डेपोग नर्सरी विधि (DEPOG Nursery Method) के बारे में । यह क्या हैै और इसकी विधियां कैसी है ?
SRI Methods of Paddy Cultivation in Hindi
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Full Form of SRI – system of Rice Intensification
SRI का पूरा नाम है System of Rice Intensification (SRI) . इस पद्दति की शरुआत अफ्रीका के मेडागास्कर में 1983 में फादर हेनरी डी लाउलेनी ने किया था । इस तकनीक को धान उत्पादन की मेडागास्कर विधि या श्री विधि भी कहते हैं। इस तकनीक से धान की फसल में सामान्य विधि से बहुत अधिक लगभग दोगुना उत्पादन प्राप्त होता है । तो आईये इसके बारे में जानते हैं :-
धान उगाने की SRI विधि
What is SRI ?
System Of Rice Intensification in India
यह धान उगाने की नई विधि है जो मेडागास्कर में फादर हेनरी डी लाउलेनी द्वारा विकसित की गई है ।
इस विधि में पानी , समय एवं बीजों की बचत तो होती है लेकिन श्रमिकों की आवश्यकता अधिक होती है ।
धान उगाने की इस पद्द्ति में कार्बनिक पदार्थों का उपयोग ज्यादा करके रासायनिक उर्वरकों का अथवा अन्य रासायनों का प्रयोग न के बराबर किया जाता है । जिससे मृदा की संरचना में सुधार होता है ।
इस विधि में धान के खेतों में पानी नही भरा जाता जैसे सामान्य विधि में खेत मे पानी भर दिया जाता है बल्कि इस विधि में खेतों में पानी न भरकर खेतों को बार-बार सिंचाई करके नम किया जाता है ।
इस विधि में बुआई करने के लिए धान की नर्सरी के लिए बहुत कम बीज लगभग 5-6 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से बीज की आवश्यकता होती है ।
इस विधि में धान की पौधों की रोपाई 25×25 cm. में किया जाता है । यानिकि पौधे से पौधे व कतार से कतार की दूरी 25 – 25 सेमी. रखी जाती है ।
Methods of System of Rice Intensification in hindi (SRI) :-
विधि :- इस विधि में धान की ऐसी किस्म का चयन करना चाहिए जिसमें अधिक से अधिक Tillers (पेड़ी) निकलती हो । ( हाइब्रिड किस्मों )
धान की नर्सरी में तैयार सिर्फ 10 से 12 दिन के पौधे (seedling) को अच्छी तरह से तैयार खेत मे लगाना चाहिए।
पौधे को सिर्फ एक – एक (Single-Single) ही लगाना होता है तथा पौधा से पौधा और कतार से कतार की दूरी 25 – 25 सेमी. होना चाहिए ।
FYM (गोबर की खाद) तथा बाकी उर्वरक वही अनुपात में डालना चाहिए जो सामान्य विधि में डालते है । अगर आप उर्वरक प्रबंधन करते हैं तो बहुत अच्छी बात है ।
सावधानियाँ :- यह विधि आसान नहीं होती इसे अपनाने के लिए बहुत से बातो का ध्यान रखना होता है जैसे :
* धान की नर्सरी बनाते समय यह ध्यान रखें कि नर्सरी के लिए मिट्टी हल्की होनी चाहिए , रेतीली ,व उसमें अच्छी तरह से गोबर की खाद मिलना चाहिए । जिससे कि धान का पौधा उखाड़ते समय उसकी जड़ें न टूटे क्योंकि पौधा बहुत छोटा ( 10-12 दिन का ) होता है ।
* पौधे से पौधे तथा कतार से कतार की दूरी 25 × 25 रखना होता है जो आसान काम नही है । ( दूरी रस्सी की सहायता से प्रबंध किया जाता है )
* पौधे तथा कतारों के बीच हो चलाना चाहिए ।
* यह बहुत बड़े क्षेत्र में करना कठिन है ।
DEPOG Nursery Method In Rice Cultivation :-
डेपोग विधि :-
DEPOG Method :-
डेपोग विधि एक प्रकार की धान की नर्सरी तैयार करने की विधि है । धान की नर्सरी तैयार करने की यह विधि फिलीपिन्स से आई है।
● इस विधि मे एक हेक्टेयर क्षेत्र की रोपाई के लिए धान की नर्सरी क्षेत्र 25-30 वर्ग मीटर पर्याप्त होता है।
● इस विधि में बीज बोने के 11 से 14 दिन बाद पौधा रोपाई करने के लिए तैयार हो जाती है।
DEPOG Method Origin – Phillipines
विधि Procedure :-
इस विधि में नर्सरी में पौध तैयार करने के लिये 1 वर्ग मी. क्षेत्र के लिए 3 किग्रा. बीज लिया जाता है ।
इसमें धान का पौध तैयार करने के लिये मृदा की आवश्यकता नहीं होती है । धान के बीजों को बिना मिट्टी के, फर्श को गिला करके या तो लकड़ी की सतह पर गिला करके पॉलिथीन से या जुट के बोरे अथवा टाट से ढक दें ।
फिर 11 से 14 दिन में यह पौधा रोपाई करने के लिए तैयार हो जाती है ।
दोस्तों हमे उम्मीद है कि AGRIFIELDEA ने जो भी आपको बताना चाहा वे सब आपको अच्छी तरह से समझ में आ गयी हो ।
और महोदय लोग आप please कमेंट जरूर कीजिए कि इसमें कोई कमी तो नही या फिर कुछ छूट गयी हो या ठीक है या और कुछ बदलाव की आवश्यकता है ।
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