sabjiyon mein khaad aur urvarak: खेती में खाद एवं उर्वरक का उपयोग फसल की उत्पादन और गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालता है। इसीलिए सब्जियों की खेती में खाद और उर्वरकों का सही उपयोग फसल की गुणवत्ता और उपज बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम आपको सब्जियों में खाद और उर्वरक देने की 4 विधियों के बारे में बताने वाले हैं। जो कि हर किसान, कृषि के स्टूडेंट और गार्डेनिंग करने वालों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
सब्जियों में खाद और उर्वरक देने की विधियाँ (sabjiyon mein khaad aur urvarak kaise de)
1. बेसल डोज (Basal Dose)
खेत में सब्जी लगाने के पूर्व खेत की तैयारी के समय खेत में खाद एवं उर्वरक मिला देने की विधि को आधार पोषण या बेसल डोज कहते हैं। जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या अन्य कम्पोस्ट खाद तथा फॉस्फोरस तथा पोटाश युक्त उर्वरक को बेसल डोज के रूप में दिया जाता है। नाइट्रोजन उर्वरक की आधी या एक तिहाई मात्रा बेसल डोज के रूप में दिया जा सकता है।
2. टॉप ड्रेसिंग (Top Dressing)
फसल की बढ़ती अवस्था में खड़ी फसल में उर्वरक डालना टॉप ड्रेसिंग कहलाता है। जब पौधे विकसित हो जाते हैं तो उर्वरक पौधों की पत्तियों के बीच या चारो ओर फैलाकर दिये जाते हैं। इस विधि में अधिकतर नाइट्रोजन युक्त उर्वरक जैसे कि यूरिया दिया जाता है।
3. ड्रिप इरिगेशन के साथ उर्वरक देना (Fertigation)
ड्रीप इरिगेशन के साथ पानी में उर्वरकों का मिश्रण Fertigation कहलाता है। इसमें पानी की बचत तो होती ही है साथ ही पौधों को समान पोषण भी प्राप्त होता है।
4. फोलियर स्प्रे (Foliar Spray)
पत्तियों पर पोषक तत्वों के घोल का छिड़काव फोलियर स्प्रे कहलाता है। फल वृक्षों के साथ सब्जियों के पौधों में भी पोषक तत्वों के घोल का छिड़काव किया जा सकता है। फोलियर स्प्रे के रूप में मुख्यतः यूरिया का छिड़काव किया जा सकता है।
खाद और उर्वरक देते समय सावधानियां (sabjiyon mein khaad aur urvarak dete samay savadhani)
भूमि में खाद एवं उर्वरक आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए डाली जाती है लेकिन इसको अधिकाधिक या अनुचित रूप में डाली जाये तो हानिकारक भी हो सकती है। अतः खाद और उर्वरक देने में निम्नलिखित सावधानियों पर ध्यान दें –
1. संतुलित मात्रा में डालें – आवश्यकता से अधिक उर्वरक फसल को हानि पहुँचा सकते हैं। अतः उचित मात्रा में ही उर्वरक देना चाहिए।
2. खाद अच्छी तरह सड़ी हुई हो – जो भी खाद या कम्पोस्ट डाली जाए वह अच्छी तरह सड़ी हुई होनी चाहिए। कच्ची या आधी सड़ी हुई खाद देने से दीमक लगने का भय रहता है।
3. मिट्टी की जांच करें – मिट्टी परीक्षण से पोषक तत्वों की उचित मात्रा निश्चित की जा सकती है। अतः मिट्टी की जाँच कराने के पश्चात् आवश्यकतानुसार पोषक तत्वों का चयन करें।
4. सही समय पर दें – खाद और उर्वरक का उपयोग सही समय पर ही करना चाहिए ताकि वह व्यर्थ न हो।
5. खाद या उर्वरक को भूमि में देने के बाद उसे भूमि में मिलाने के लिए हल्की गुड़ाई और सिंचाई करनी चाहिए।
6. एक ही किस्म के उर्वरक का एक ही भूमि पर निरंतर उपयोग न करें, जैसे – अमोनियम सल्फेट के निरंतर एक ही भूमि पर उपयोग करने से भूमि अम्लीय हो जाती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
सब्जियों की खेती में खाद और उर्वरकों का सही चयन और उपयोग फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाता सकता है। आपने इस लेख में पढ़ा सब्जियों में खाद और उर्वरक देने की विधियाँ (sabjiyon mein khaad aur urvarak kaise de) और खाद और उर्वरक देते समय सावधानियां।
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