आम की ग्राफ्टिंग कैसे करें? Mango Grafting in Hindi
आज के इस पोस्ट में हम पढ़ रहें हैं कि आम की ग्राफ्टिंग (Mango Grafting in Hindi) कैसे करते हैं ? How to Propagate Mango Tree through Grafting Methods ? जिसमे हम क्रमवार पढेंगे –
आम की ग्राफ्टिंग करने का सही समय क्या है?
आम की ग्राफ्टिंग करने से क्या – क्या लाभ है?
आम की ग्राफ्टिंग में पौधे का चुनाव,
आम की ग्राफ्टिंग अथवा कलम बांधने की पूरी विधि।
आम की ग्राफ्टिंग (Mango Grafting in Hindi)
परिचय :-
ग्राफ्टिंग वानस्पतिक पौध प्रवर्धन की एक बहुत ही प्राचीन व प्रचलित विधि है, इसमें एक वृक्ष की कोई शाख (Scion) उसी जाती के दूसरे पौधे (Root stock) पर बांध देते हैं । इन दोनों को इस प्रकार आपस के बांधा जाता है कि दोनों शाखाएँ पूरी तरह जुड़ कर एक नए पौधे में विकसित हो सके।
ग्राफ्टिंग (Grafting) में नीचे जड़ वाले भाग या पौधे को मूलवृन्त (Root stock) कहा जाता है तथा जिस शाख को इस मूलवृन्त पर लाकर बांधा जाता है उसे सायन (Scion) कहते हैं।
Root Stock बीज द्वारा उत्पन्न किया जाता है तथा Scion अपनी इच्छानुसार पौधे से लेते हैं । रुट स्टॉक तथा सायन एक ही मोटाई व एक ही जाती के होने चाहिए ।
हमने गर्मियों के मौसम या कहे तो आम के सीजन में तरह तरह के आम खाकर उनकी गुठलियों को कही भी फेक या जगा देते है । और सोचते हैं कि हमने जिस तरह या जिस किस्म, गुणवत्ता वाली आम खायी थी, ये पौधे भी बड़े होने के बाद हमे उसी के जैसा फल देंगे ।
लेकिन ऐसा नही होता अगर आपको अपनी इच्छानुसार अच्छी गुणवत्ता वाली आम चाहिए तो इसके लिए आपको आम की ग्राफ्टिंग या अन्य वानस्पतिक प्रवर्धन की विधि अपनानी होगी
आम की ग्राफ्टिंग (Mango Grafting in Hindi) विधि से आप अपनी मनपसंद गुण वाले फल जल्दी ही तैयार कर सकते हैं ।
आम की ग्राफ्टिंग करने का सही समय :-
आम की ग्राफ्टिंग व कलम बांधने का सर्वोत्तम समय बरसात यानिकि जून – जुलाई के महीने को माना जाता है । क्योंकि इस समय वातावरण में नमी के साथ साथ गर्मी भी होती है । इस समय आम की ग्राफ्टिंग करने में सफलता अधिक मिलती है ।
वैसे आम की ग्राफ्टिंग साल में दो बार की जा सकती है पहली जून- जुलाई व दूसरा बसंत ऋतु में ।
आम की ग्राफ्टिंग करने के लाभ –
ग्राफ्टिंग विधि से आप अपनी मनपसंद गुणों वाले आम के पौधे तैयार कर सकते हैं ।
ग्राफ्टिंग विधि से तैयार पौधा बीज द्वारा उगाये गए पौधे की तुलना में बहुत जल्दी फल देना प्रारंभ कर देते हैं ।
कम गुणों वाले आम के पौधे को उत्कृष्ट गुणों वाले पौधे में परिवर्तित किया जा सकता है ।
ग्राफ्टिंग विधि से तैयार हुआ आम का पौधा बीजू वृक्ष से काफी छोटा होता है, जिससे प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं व विभिन्न क्रियाएं जैसे – आम की तुड़ाई, कटाई- छँटाई, दवाइयों का छिड़काव आदि में आसानी होगी ।
आम की ग्राफ्टिंग करने के लिए उचित पौधे का चुनाव –
रूट स्टॉक (Root Stock) आपको आसानी से मिल सकती है । सामान्यतः गर्मी के दिनों में खाकर फेंके गए गुठलियां कहीं भी उगी हुई मिल जाती है । यह गुठली वाला आम का पौधा यानिकि रुट स्टॉक कोई भी किस्म का हो सकता है ।
लेकिन सायन (Scion) अथवा शाख अपनी मनपसंद पैतृक वृक्ष (Parent Tree) से लेना होगा । क्योकि आप जो भी ग्राफ्टिंग से पौधा तैयार करते हैं उसका सम्पूर्ण गुण इसी पैतृक वृक्ष के समान होगा जिसकी शाख (Scion) आप चुनते हैं । इसीलिए अच्छे गुणों वाले व मीठे फल वृक्ष से ही शाख (Scion) का चुनाव करें ।
चुने गए रुट स्टॉक व सायन दोनों स्वस्थ व रोग व्याधियों से मुक्त होने चाहिए । सायन एक मौसम व एक वर्ष पुरानी टहनी से लें ।
आम की ग्राफ्टिंग की विधि (Methods of Mango Grafting in Hindi) –
वैसे तो ग्राफ्टिंग की बहुत सी विधियाँ है जैसे – Whip Grafting, Side Grafting, Tongue Grafting, Wedge or Cleft Grafting आदि । लेकिन आम में ग्राफ्टिंग की विनियर ग्राफ्टिंग (Veneer Grafting) सबसे प्रचलित विधि है ।
● आम की ग्राफ्टिंग से एक दो दिन पहले जिस भी टहनी को शाख (Scion) के लिए चुने गए हैं उनकी सभी पत्तियों को काटकर अलग कर लीजिए । इससे सफलता अधिक मिलती है ।
● ग्राफ्टिंग करते समय मूलवृन्त (Root stock) वाले पौधे को जमीन से लगभग 22.5 सेंटीमीटर छोड़कर ऊपरी भाग को काट लें।
● अब रुट स्टॉक में ऊपर ग्राफ्टिंग चाकू या तेज ब्लेड की सहायता से बीच मे एक चीरा (कट/कटान) लगा दे । (यह कटान विभिन्न विधियों में अलग अलग बनाई जाती है ।)
● अब पैतृक वृक्ष से शाख (Scion) को अलग करके उसके निचले भाग में दोनों तरफ रुट स्टॉक के चीरे (कटान) के बराबर ढलावदार कटान बना दें । जो रुट स्टॉक में बराबर व अच्छे से फिट हो सके ।
● अब शाख (Scion) को रुट स्टॉक पर अच्छे से फिट करके ग्राफ्टिंग टेप, या सामान्य टेप की सहायता से अच्छी तरह से बांध दें । (टेप उपलब्ध न होने पर पॉलीथिन को लंबा – लंबा काटकर भी बांध सकते हैं ।)
● दोनों को अच्छी तरह बाँधने के बाद उसके ऊपर प्लास्टिक की थैली से कवर चढ़ा सकते हैं ।
● अब इसे आपको तेज धूप , या सीधे धूप से बचकर रखना है जब तक ग्राफ्टिंग सफल नहीं हो जाता ।
● इसमें नए पत्ते निकलने के बाद प्लास्टिक कवर हटा सकते हैं ।
● ग्राफ्टिंग सफल हो जाने के बाद जब पौधे की पत्तियां और विकसित हो जाये तो बांधे गए टेप को सावधनी से काटकर हटा दें । और इसे मुख्य खेत में या जहां भी लगाना हो वहां रोपित कर दें ।
अपील –
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Haw
Dhanyabadd