मिट्टी की जाँच के लिए सही नमूना कैसे लें | How to take accurate soil samples for Soil Testing in Hindi

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मृदा परीक्षण (Soil testing in Hindi)

आज हम बात करेंगे कि मिट्टी की जाँच के लिए सही नमूना कैसे लेते हैं (How to take accurate soil samples for Soil Testing in Hindi) । साथ ही हम जानेंगे कि मृदा परीक्षण कराना क्यो जरूरी है , मृदा परीक्षण कहाँ से कराएं , परीक्षण करने के लिए नमूना किस तरह से इकट्ठा करे , मृदा नमूना लेते समय क्या – क्या सावधानी बरतें और मृदा परीक्षण के क्या – क्या लाभ हैं ? 

How to take accurate soil samples for Soil Testing in Hindi

 

मृदा का परीक्षण क्यों है जरूरी –

 

आप सब जानते ही होंगे कि मृदा का परीक्षण क्यो करते हैं ? जब आप कोई फसल लगाने जा रहें हैं तो आप मिट्टी का परीक्षण करते है तो आपको एक रिपोर्ट कार्ड दिया जाता है जिससे आपको यह मालूम होता है कि आपके खेत मे कौन- कौन से तत्वों की कमी है और कौन से तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है । इससे होता यह है कि आप अपने फसलो में पोषक तत्वों का प्रबंधन अच्छे से कर सकते हैं।  नही तो आप बिना मृदा परीक्षण किए पोषक तत्वों को खेत मे कैसे भी डाल देते हैं तो कुछ- कुछ तत्वों की अधिकता हो जाती है।

उदाहरण के तौर पर अगर धान के खेत मे नाइट्रोजन युक्त उर्वरक अर्थात नाइट्रोजन तत्व की अधिकता हो जाती है तो धान की फसल में भूरा धब्बा रोग (Brown Spot), शीथ ब्लाइट आदि रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती है । और इसी प्रकार यदि धान के खेत मे जिंक तत्व की कमी हो जाये तो धान में खैरा रोग हो जाती है ।

सीधे तौर से कहे तो आप मृदा जांच कराकर यह जान सकते है कि आपके खेत में कौन-कौन से तत्व उपलब्ध है और कौन-कौन से तत्वों की कमी है।

मृदा परीक्षण कहाँ करायें? –

 

आप मे से सभी जानते हैं कि मृदा जाँच कहाँ करा सकते हैं फिर भी मृदा जाँच कहाँ पर होगी ये भी हम आपको बता देते हैं । दोस्तों हर प्रदेश के हर जिले।में एक कृषि विज्ञान केन्द्र (KVK) होता है।  वहाँ पर आप अपनी मृदा नमूना लेकर जाएंगे व अपनी पूरी जानकारी देंगे जो आवश्यक जानकारी है। तो लगभग एक महीने के भीतर ही आपको आपके मिट्टी से सम्बंधित पूरी जानकारी रिपोर्ट कॉर्ड में मिल जाती है ।

 

अगर आप अपनी मृदा की जाँच किसी प्राइवेट सेक्टर से कराते हैं तो तो उसका शुल्क लगता है । और सरकारी कृषि विज्ञान केन्द्र में करते है तो आपको इसका कोई भी शुल्क नहीं लगेगा ।

 

मृदा जाँच के लिए नमूना लेने की विधि (How to take accurate soil samples for Soil Testing in Hindi) :-

दोस्तों यह एक मुख्य बात हो सकती है कि आप मृदा परीक्षण के लिए मिट्टी का नमूना कहाँ से लेते हैं ? किन जगहों से लेते हैं ? और कैसे लेते हैं ?

अगर आप गलत तरीके से नमूना लेते हैं तो आपके जांच कराए रिपोर्ट में जानकारी सही नहीं आयेगा ।

आइये जानते जी की मृदा नमूना कैसे ले
Process for Soil Sampling :-

● सबसे पहले तो आप अपने खेत में 6 जगह निर्धारित करें जहां से आप नमूना लेना चाहते हैं , उसके बाद जिस जगह से नमूना लेनी है वहां साफ कर लो जैसे ऊपर के घास या फसल अवशेष को हटाना ।

 

 

● अब नमूना लेने के लिए आप फावड़े या खुरपी या किसी भी प्रकार के औजार से जो आपके लिए सही हो उसकी मदद से 6 इंच गहरा , 6 इंच लंबा और 4 इंच चौड़ा V के आकार का गड्ढा बना लें । जैसा चित्र में दिख रहा है ।मिट्टी की जाँच के लिए सही नमूना कैसे लें ? How to take accurate soil samples.मिट्टी की जाँच के लिए सही नमूना कैसे लें ? How to take accurate soil samples.

 

● अब इस गड्ढे के किनारे – किनारे दीवार से ऊपर से नीचे लगभग 1 – 2 इंच मिट्टी को इकट्ठा कर लेते हैं । इस इकट्ठा किए गए मिट्टी को निकालकर साफ जगह पर रख लेते हैं ।

मिट्टी की जाँच के लिए सही नमूना कैसे लें ? How to take accurate soil samples.
Soil sampling

 

 

● इसी तरह से आप 6 जगह से मिट्टी इकट्ठा कर ले ।

● अब जब आप एक खेत के 6 जगह से मिट्टी इकट्ठा कर ले तो सभी को अच्छी तरह मिला लें और उसमें से कंकड़ – पत्थर या घास या जड़ हो तो उसे हटा दें और एक साफ-सुथरे जगह पर या किसी साफ बोरी के ऊपर इकट्ठा कर ले जैसे चित्र में दिखाया गया है ।

Soil sampling

 

 

● अब इस अच्छी तरह मिलाएं गए मिट्टी को चार बराबर भागों में बांट दें और 2 भाग को बाहर निकाल कर फेंक दें और बचे  दो भाग को रख लें ।

Soil sampling

 

 

● अब इस बचे हुए 2 भाग को फिर से अच्छी तरह मिला दो और फिर से उन्हें चार बराबर भागों में बांट दें और फिर 2 भाग को हटा दें ।

 

● यही प्रक्रिया हम तब तक करते रहेंगे जब तक हमारे पास आधा किलो मिट्टी ना बच जाए।

● जब हमारे पास आधा किलो मिट्टी बच जाता है तो यही मिट्टी जांच के लिए सही नमूना होता है ।

● अब इस आधा किलो बचे हुए मिट्टी को के नमूने को एक साफ थैले में भर लेते हैं ।

Soil samples

 

अब इस थैले या बैग में एक पर्ची डालनी है जिसमें –

किसान का नाम –

पूरा पता –

खसरा नंबर –

मोबाइल नंबर- 

और आप क्या फसल लेना चाहते हैं उसकी जानकारी –

● 1 पर्ची बैग के अंदर और दूसरी पर्ची बैंक के बाहर लटका देते हैं या बांध देते हैं ।  अब यह हमारा नमूना परीक्षण कराने के लिए  तैयार है । अब आप इसे कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) में जमा कर दीजिए । जब भी इस नमूने की जांच हो जाएगी तब आपको उसका रिजल्ट प्राप्त हो जाएगा फिर आप इसके अनुसार या हिसाब से खेती कर सकते हैं ।

 

मृदा नमूना लेते समय सावधानियां :- 

● मिट्टी का नमूना लेते समय आपको यह जानकारी रखनी होगी कि

● एक ही जगह से मिट्टी का नमूना नहीं लेनी चाहिए, अगर आप 1 एकड़ में नमूना लेते हैं तो आपको खेत के कम से कम छह – सात जगहों से नमूना लेना होगा ।

जैसे खेत के चार किनारे ( एकदम किनारे से भी नही )और दो बीच से हो इस प्रकार से । (जैसा इमेज में दिखाया गया है)

● मिट्टी का नमूना उस जगह से नहीं लेनी चाहिए जहां पर खाद का ढेर हो या गोबर की ढेर या राख का ढेर हो ।

● पेड़ या नाली के पास से भी नमूना नहीं लेनी चाहिए ।

● मेड के किनारे को छोड़कर उससे थोड़ी दूरी से नमूना लेनी चाहिए ।

● आप अपने खेत में ऊंची नीची जगह और उपजाऊ पन के आधार पर 4-6 जगह से नमूने ले सकते हैं ।

● उस खेत से नमूना ना ले जहां फसल लगी हो ,जब खेत खाली हो , फसल कट गई हो तब नमूना ले सकते हैं ।

● जिस जगह से नमूना ले रहे हैं वहां की घास या फसल अवशेष को हटाकर साफ करके लें ।

● मिट्टी का जो नमूना लेते हैं उसे एक साफ-सुथरी थैले में इकट्ठा करें । नमूना लाने के लिए किसी भी प्रकार के खाद या उर्वरक के बोरे या थैले में इकट्ठा ना करें इससे क्या हो सकता है आप जानते हैं।

 

मृदा परीक्षण से लाभ (Benefits of Soil Testing in Hindi) :-

आप तो समझ ही गए होंगे कि मृदा जांच से किसान को क्या-क्या फायदा हो सकता है ।
 फिर भी कुछ बिंदुओं में जान लेते हैं कि इससे क्या लाभ है –
● मृदा जांच से मृदा की उर्वरता स्तर का पता चलता है कि हमारी मृदा में कौन से तत्व की कमी है और कौन से तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ।
● इससे हम जो फसल उगाने जा रहे हैं उसमें उर्वरक या खाद की मात्रा तय हो जाती है ।
● मिट्टी ऊसर या अनुपजाऊ तो नहीं हो रही है इसका भी पता चल जाता है ।
● इससे कृषक अपनी फसल में उर्वरकों का अच्छी तरह से प्रबंधन करके अतिरिक्त लागत को कम कर सकते हैं ।
● फसल को मृदा जनित रोग या अन्य रोग व्याधियों से बचाया जा सकता है ।
● मृदा परीक्षण करने से उस खेत में 3 साल तक मृदा परीक्षण नहीं करना पड़ता । 3 साल बाद फिर से मृदा परीक्षण करा सकते हैं ।

अपील

हमें उम्मीद है कि AGRIFIELDEA ने जो भी जानकारी मृदा परीक्षण के लिए मृदा नमूना लेने का सही तरीका (How to  take accurate soil samples for Soil Testing in Hindi) के बारे मे आपको दिया वह आपको अच्छे से समझ मे आयी हो । और हमारे ब्लॉग में ऐसे ही कृषि से जुड़ी और भी बहुत से जानकारियाँ है उसे भी आप जाकर हिन्दी में पढ़ सकते हैं । 
                  धन्यवाद !
 

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