Biofloc Technology for Fish Farming in Hindi: लेख में हम आपके साथ मछली पालन की Biofloc या प्लवक विधि (Biofloc Fish Farming) की पूरी जानकारी साझा करेंगे। जहां आपको बताया जाएगा कि कैसे आप छोटे क्षेत्र में बायो फ्लॉक फिश फार्मिंग व्यवसाय शुरू कर सकते हैं Biofloc Fish Farming क्या होती है इसके लिए किन-किन उपकरणों या वस्तुओं की आवश्यकता होती है? बायोफ्लॉक तकनीक के फायदे और बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में लागत और मुनाफा, यह सब जाने के लिए कृपया अंत तक इस लेख को पढ़ें…
परिचय (Biofloc Fish Farming)
भारत में मछली पालन का धंधा अति प्राचीन है । इसका प्रचलन लगभग 3000 ईसा पूर्व पहले से ही है। हालांकि इस धंधे को पहले कुछ समुदाय ही करते थे लेकिन आज के समय में यह काफी लोगों के लिए बिजनेस का जरिया बन चुका है।
मछली की पौष्टिक गुणवत्ता के कारण मछली की मांग हमेशा से ही बाजार में बनी रहती है और उच्च गुणवत्ता वाली मछली का लेनदेन बाजार में ऊंचे दाम पर होता है। इसीलिए मछली पालन का व्यवसाय काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
आज हम आपके लिए ऐसी बिजनेस आइडिया लेकर आए हैं जो कि मछली पालन से ही संबंधित है लेकिन सामान्य मछली पालन से थोड़ा हटके जिसका नाम है बायोफ्लॉक मछली पालन या प्लवक विधि (Biofloc Fish Farming) से मछली पालन। जिस में मछली पालन के लिए तालाब की जरूरत नहीं होती बायोफ्लॉक मछली पालन (Biofloc Technology for Fish Farming) में आप टैंकों में व बहुत ही कम क्षेत्र में मछली पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
बायोफ्लॉक तकनीक क्या है? (What is Biofloc Fish Farming Technique?)
बायोफ्लॉक मछली पालन (Biofloc Technology for Fish Farming) एक आधुनिक तकनीक है जिसमें मछलियों का पालन पानी की टैंको में किया जाता है । अतः इसके लिए ना ही तालाब की आवश्यकता होती है और ना ही बड़े क्षेत्र की । इसे New Blue Revolution भी कहा जाता है।
‘Biofloc’ शब्द में दो शब्द छुपे हैं ‘Bio’ और ‘Floc’
जिसमें – Bio = जैविक
Floc = छोटे-छोटे कण.
बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने के लिए टैंकों में मछलियों के साथ-साथ कुछ बैक्टीरिया को भी डाला जाता है जो कि Heterotrophic होते है। जो कि स्वयं भोजन नहीं बनाते यह बैक्टीरिया मछलियों के अपशिष्ट या मल को खाते हैं तथा बाद में जब बैक्टीरिया थोड़े बड़े अथवा मछलियों को दिखाई देने लगते हैं तो मछलियां इन बैक्टीरिया को खा जाती है।
बायोफ्लॉक तकनीक के लिए आवश्यक सामग्री अथवा उपकरण (Essential tools for Biofloc Fish Farming Technology)
बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने के लिए निम्नलिखित सामग्री व उपकरणों की आवश्यकता होती है –
- लोहे की जाली,
- सीमेंट टैंक,
- तारपोलिन टैंक,
- प्लास्टिक शीट,
- PVC पाइप,
- प्लास्टिक या जूट की रस्सी,
- मछलियों की बीज,
- एयरेशन सिस्टम,
- प्लास्टिक शेड (हरा या नीला),
- नायलॉन नेट,
- बिजली की व्यवस्था इत्यादि।
बायोफ्लॉक तकनीक के फायदे (Advantages of Biofloc Fish Farming)
- कम अथवा सीमित जगह में भी मछलियों का पालन किया जा सकता है ।
- इस तकनीक से मछली पालन करने के लिए तालाब की आवश्यकता नहीं होती ।
- तालाब में मछली पालन की तुलना में इस तकनीक से लागत की अपेक्षा मुनाफा अधिक होता है ।
- मछलियों में रोगों का खतरा बहुत कम हो जाता है ।
- इस तकनीक से पानी की बचत होती है ।
- मछलियों के चोरी होने का खतरा नहीं रहता ।
- तालाब में मछली पालन करने की अपेक्षा बायोफ्लॉक तकनीक में श्रमिक लागत में कम लागत होती है ।
- तालाब की तुलना में मछलियों का आकार व गुणवत्ता अच्छी मिलती है।
बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन (Biofloc Fish Farming) में कुल लागत (Costs)
बायोफ्लॉक तकनीक में मछली पालन में लागत टैंकों के आकार व मछलियों की प्रजातियों पर निर्भर करता है।
सामान्यतः अगर आप बायोफ्लॉक तकनीक के लिए 10 से 15 हजार लीटर का टैंक लगाते हैं तो एक टैंक व टैंक के सभी उपकरण अथवा पूरी सेटअप के लिए लगभग 30 हजार से 40 हजार रुपए प्रति टैंक लागत आती है। तथा इस टैंक का उपयोग लगभग 5 वर्ष के लिए किया जा सकता है।
बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में मुनाफा (Profit in Biofloc Fish Farming) :-
बायो फ्लॉक तकनीक से मछली पालन में होने वाला मुनाफा भी टैंकों की संख्या व आकार, मछलियों की प्रजाति व उपकरणों की व्यवस्था पर निर्भर करता है।
बड़े बैंकों में, मछलियों की ऊंची प्रजाति अथवा जल्दी पढ़ने वाली किस्मों से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है लेकिन
सामान्यतः 10 से 15 हजार लीटर के एक टैंक से शुद्ध लाभ ₹30000 से ₹60000 तक होती है यह मछलियों की प्रजातियों पर भी निर्भर करती है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मात्र एक टैंक से इतना मुनाफा कमाया जा सकता है तो और टैंकों से कितना मुनाफा कमाया जा सकता है।
बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन Biofloc Technology for fish Farming) में इन बातों का ध्यान रखें –
• अगर कोई भी किसान बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करना चाहता है तो उसे पहले किसी अच्छे जगह से प्रशिक्षण लेनी चाहिए।
• बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन बिना जानकारी अथवा बिना प्रशिक्षण के शुरू न करें।
• मछलियों का बीज स्वास्थ्य व रोग रहित होनी चाहिए व अच्छी प्रजाति का होना चाहिए।
• बिजली की उचित व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि अगर बिजली चली गई तो मछलियों को एयरेशन सिस्टम बंद होने से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और मछली मर भी सकती है।
• एयरेशन सिस्टम को हर एक – दो महीने के अंतराल में साफ करते रहें।
• मछलियों के बीज हेचरी या मत्स्य पालन संस्थान से ही खरीदनी चाहिए।
• मछलियों की समय पर बिक्री के लिए बाजार की उचित सुविधा व जानकारी होनी चाहिए।
• इस व्यवसाय के तहत पानी के तापमान पर नियंत्रण रखें व समय पर बदले।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQ
1. Biofloc Fish Farming तकनीक क्या है?
उत्तर – Biofloc मछली पालन की एक नवीनतम तकनीक है जिसके अंतर्गत मछलियों को टैंकों में पाला जाता है तथा उसके उचित वृद्धि एवं विकास के लिए सारी सुविधाएं टैंक में ही उपलब्ध कराई जाती है।
2. बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में कितना खर्चा आता है?
उत्तर – बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने के लिए 10 से 15 हजार लीटर की एक टैंक (पूरी सेटअप के साथ) लगभग 30 से 40 हजार रुपये की लागत आती है।
3. बायोफ्लॉक तकनीक से कितना पैसा कमा सकते हैं?
उत्तर – बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करके आप 10 – 15 हजार लीटर की एक टैंक से शुद्ध लाभ लगभग 30 हजार से 60 हजार रुपए एक बार में कमा सकते हैं। यह कमाई मछलियों की प्रजाति पर भी निर्भर करती है।
4. Biofloc Fish Farming व्यवसाय कैसे शुरू कर सकते हैं?
उत्तर – इसके लिए आपको पूरी जानकारी अथवा किसी अच्छे मत्स्य पालन संस्थान से प्रशिक्षण ले सकते हैं उसके बाद ही आप अपना बिजनेस शुरू करें।
5. Biofloc तकनीक से मछलियों के किन-किन प्रजातियों के पालन कर सकते हैं?
उत्तर – फंगास, मांगुर, सिंघी, वियतनाम कोई, तिलापिया, कामन कार्प इत्यादि।
6. बायोफ्लोक में कौन सी मछली तेजी से बढ़ती है?
उत्तर – तिलापिया तेजी से बढ़ने वाली किस्मो में से एक है।
7. बायोफ्लोक मछली पालन कैसे करें?
उत्तर – बायोफ्लोक मछली पालन (Biofloc Technology for Fish Farming) एक आधुनिक तकनीक है जिसमें मछलियों का पालन पानी की टैंको में किया जाता है । अतः इसके लिए ना ही तालाब की आवश्यकता होती है और ना ही बड़े क्षेत्र की ।