Hello दोस्तों हमारे Agrifieldea blog में आपका स्वागत है । आज हम बात करेंगे धान की फसल के कुछ मुख्य रोगों व उसके लक्षण एवं उसके प्रबंधन (Rice Important Diseases and Management in Hindi) के बारे में । लेकिन धान के रोग के बारे में जानने से पहले हम जानते हैं कि पौधों की बीमारी अथवा रोग क्या होते है ।
What is Plant Disease
Definition of Plant Disease-
Rice Important Diseases and Management in Hindi
1. Blast Disease of Rice ( झुलसा )
Favorable Conditions For Blast Disease of Rice (अनुकूल स्थितियाँ) :-
● अस्थायी बूंदा-बांदी , बादलों वाला मौसम, बरसाती दिनों का अधिक होना व ओस की लम्बी अवधि होना ।
● सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity) – 93 – 99% व रात का तापमान कम होना (15 – 20℃ के बीच अथवा 26℃ से कम )
● सहायक मेजबानों (Collateral Hosts) एवं नाइट्रोजन की अतिरिक्त मात्रा की उपलब्धता ।
लक्षण – Symptoms of Blast Disease Of Rice :-
धान में Blast रोग के कारण
इस रोग के रोगकारक (pathogen) नीचे चित्र में कुछ इस प्रकार दिखाई देता है जो माइक्रोस्कोप वाले image है ।
Image – Pyriculariya oryzae
(धान के ब्लास्ट रोग का प्रबंधन) Management of Blast Disease Of Rice –
(1) खेतों के मेड़ से , चैनल से या नालियों से पहले अथवा पूर्व रोगी पौधे तथा मेजबान खरपतवार पौधों (Weed Hosts) ( यानिकि इस रोग को धान के अलावा सहारा देने वाले अन्य खरपतवार ) को खेतों से अलग कर नष्ट कर देना चाहिये ।
(2) धान के फसल की इस झुलसा रोग के प्रति बहुत से रोग रोधी किस्मे है जिन्हें लगाना चाहिए । जैसे उदाहरण के लिए – CO47 , IR20, ADT36, ADT39, ASD18, एवं IR64 आदि ।
(3) बीज को बुआई से पूर्व captan (कैप्टान), या thiram(थीरम), या Carbendazim (कार्बेंडाज़ीम), या Tricyclazole (ट्रायसायकलाज़ोल) का 2 ग्राम प्रति किलो बीज दर से उपचारित करना चाहिए ।
(4) धान की नर्सरी में Carbendazim – 500g/L या Tricyclazole – 300g/L छिड़काव किया जा सकता है ।
(5) धान की मुख्य फसल खेतो में Edifenphos 500ml या Carbendazim 500g या Tricyclazole 500g प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव किया जाना चाहिए।
2. Brown Spot of Rice (धान का भूरा धब्बा रोग)
धान के भुरा धब्बा रोग का कारण
Favorable Confirmations for Brown Spot Of Rice (अनुकूल स्थितियाँ) :-
● धान के भूरा धब्बा रोग के लिए सापेक्ष आर्द्रता 80% के ऊपर साथ ही तापमान 25 से 30 ℃ बेहद अनुकूल होती है ।
● ध्यान रहे कि नाइट्रोजन तत्व की अधिकता इस रोग की गम्भीरता को बढ़ाती है ।
धान के भुरा धब्बा रोग से लक्षण : Symptoms of Brown Spot Of Rice –
Management Brown Spot Of Rice (भुरा धब्बा रोग का प्रबंधन ) :-
(1) collateral host (धान के अतिरिक्त पौधे जो इस रोग को आसरा देते हैं ) तथा संक्रमित पौधे को अलग कर नष्ट कर देना चाहिए ।
(2) slow release नाइट्रोजन उर्वरक का प्रयोग उचित मात्रा में ही करनी चाहिए ।
(3) हमेशा बुआई के लिए रोग रहित बीजों का ही चुनाव करना चाहिए ।
(4) इस रोग के रोग सहनशील जातियों को उगाना चाहिए जैसे – CO44, भवानी, इत्यादि ।
(5) बीजोपचार थीरम या कैप्टान से 4g / kg बीज दर पर किया जाना चाहिये ।
(6) नर्सरी में एडिफेंफोस (Edifenphos) 40 ml या मैंकोजेब 80g / 20 सेमी नर्सरी के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए ।
(7) मुख्य फसल में – एडिफेंफोस (Edifenphos) 500ml या मैकोजेब (mencozeb) 2किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिनों के अंतराल में आवश्यकतानुसार छिड़काव करना चाहिए।
(8) M-45 का भी 0.1% छिड़काव किया जा सकता है।
PART – 2
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Good notes
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